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Dec 2024
असहिष्णु को
सहिष्णु बनाना
हो सकता है
चुनौतीपूर्ण दुस्साहस !
आप इस बाबत
उड़ा सकते हैं उपहास !
सच यह है , दोस्त !
यह नामुमकिन नहीं ,
बशर्ते आप होना चाहें सही।
आप परिवर्तन को स्वीकारें ,
न कि खुद को
बाहुबली समझें और अंहकारे फिरें ।
मारामारी का दर्प पाल कर ,
मारे मारे फिरें ।
निज के विरोधाभासों से
सदैव रहें घिरे ।
अपने आप से होकर मंत्र मुग्ध !
खोकर अपनी सुध-बुध !
कहीं बन  न जाएं संदिग्ध!

तब आपकी पहचान संदेह के
घेरे में आ जाएगी ।
ज़िंदगी नारकीय हो जाएगी।
परिवर्तन अपरिहार्य है ,
हमें यही स्वीकार्य है।

०९/०४/२०१७.
Written by
Joginder Singh
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