नीत्शे! तुम से पूछना चाहता हूं कुछ , अपनी जिज्ञासा की बाबत। कहीं इस दुनिया में ईश दिखा क्या ? फिर ईश निंदा का आरोप लगा कर इस कायनात के भीतर बसे जन समूहों में डर क्यों भरा जा रहा है ? उन में से कुछ को क्यों मारा जा रहा है?
ईश्वर पर निंदा का असर हो सकता है क्या ? असर होता है बस! कुछ बेईमानों पर। वे पर देते कतर परिंदे उड़ न पाएं ! अपने लक्ष्य को हासिल न कर पाएं !! ०१/१२/२०२४.