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Nov 2024
ठीकरा
असफलता का
किसी और की तरफ़ उछाल दूं ,
अपना दामन झाड़ लूं ।

यह कतई ठीक नहीं ,
यह तो अपने को ठगना है ,
अपने को नष्ट करना है ।

अच्छा रहेगा,
सच से ही प्यार करूं ,
झूठ बोलकर जीवन न बेकार करूं ,
फिर मैं अपना और
दूसरों का
जीना क्यों दुश्वार करूं ?

ठीकरा
असफलता का
फोडूंगा न किसी पर ,
उस पर मिथ्या आरोप लगा ।
बल्कि
करूंगा निरंतर सार्थक प्रयास
और  करूंगा प्राप्त एक दिन
इसी जीवन में सफलता का दामन
खुले मन से,
बगैर किसी झिझक के।

अब स्वयं को
और ज्यादा न करूंगा शर्मिंदा ,
बनूंगा ख़ुदा का बंदा,
न कि कोई अंधा दरिंदा ।

इतना तो खुद्दार हूं,
संघर्ष पथ पर चलने की खातिर
द्वार तुम्हारे पर खड़ा तैयार हूं ।

तुम तो साथ दोगे न ?
दोस्ती का हाथ ,
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ ,
आगे बढ़ाओगे ना !!

०१/१०/२००८.
Written by
Joginder Singh
49
 
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