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Nov 2024
मेरे यहां
हक की खातिर
लड़ने वाला
' गांधी ' होता है,
फौलादी हौंसले वाला
एक अदृश्य तूफ़ान होता है,
सच ! जिसके भीतर
आक्रोश भरा रहता  है,
भले वह अहिंसक रास्ते पर चले ,
उसके अंदर बारूद भरा रहता है।
ऐसा आदमी सीधा सादा होता है।
आज के तिकड़म बाज़ नेता उसे खतरनाक बना देते हैं।है।
उसे आग पानी देकर महत्वाकांक्षी बना देते हैं,
किसी हद तक  
उसके आक्रोश को ज्वालामुखी बना
उसे अराजक ही नहीं, विध्वंसक भी बना देते हैं।

उसे धरने, विरोध प्रदर्शन करने,
लड़ने भेजने में लगा देते हैं ,
उसके अंदर के असंतोष को हवा दे
उसे पूर्ण रूपेण अराजक और आतंकी बना देते हैं।
जब वह संघर्ष करते हुए शहादत पा जाता है।
तब उसे बरगलाया हुआ, राह से भटका बताया जाता है।
सच! उसके मर जाने के बाद कोई एक आध ही रोता है। कुछ इस तरह एक संभावना का अंत मेरे यहां होता है।

पर सच ! कभी खोता है।
वह देर सवेर
सबके यहां
हर किसी जगह
दस्तक देता हुआ
कि
किसी नन्हे पौधे सा होकर
अंकुरित होता है ,
और
एक सच का वृक्ष बनकर
पुष्पित और पल्लवित होता है।
इस भांति सभी जगह परिवर्तन होता है।


12/03/2013.
Written by
Joginder Singh
43
 
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