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Nov 2024
मौत
एक दहशत ही तो है
इससे असमय
जिंदगी जाती है सो ,
सुख के अहसास
अनायास
मुरझा जाते हैं,
सारे सपने
कुचले जाते हैं ।

मौत की दहशत
चेतना में
इतनी थी कि
आंखों के सामने
एक चिड़िया मर गई।
वह मरते मरते भी
मौत का अहसास
चेतना के अंदर भर गई।
चुपचाप
मरने की वीडियो क्लिपिंग
मेरे भीतर रख गई।

१९/०६/२०१८.
Written by
Joginder Singh
36
 
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