हर हाल में उम्मीद का दामन न छोड़, मेरे दोस्त! यह उम्मीद ही है जिसने साधारण को असाधारण तो बनाया ही है , बल्कि जीवन को जीवंत बनाए रखा है । इसके साथ ही बेजोड़ ! बेखोट! एकदम कुंदन सरीखा ! अनमोल और उम्दा ! साथ ही तिलिस्म से भरपूर । उम्मीद ने ही जीवन को नख से शिख तक , रहस्यमय और मायावी सा निर्मित किया है, जिसने मानव जीवन में एक नया उत्साह भरा है।
उम्मीद ही भविष्य को संरक्षित करती है, यह चेतन की ऊर्जा सरीखी है। यह सबसे यही कहती है कि अभी जीवन में बेहतरीन का आगाज़ होना है , तो फिर क्यों न इंसान सद्कर्म करें! वह चिंतातुर क्यों रहे? क्यों न वह स्वयं के भीतर उतरकर श्रेष्ठतम जीवन धारा में बहे ! संवेदना के स्पंदनों को अनुभूत करे !!