माँ की याद आ रही है फोन पर भी ठीक से बात नहीं हो रही है उनकी सुनने की क्षमता भी कम हो रही है कभी फोन जबाब दे जाता है जो वो बदलना नहीं चाहतीं है आज माँ की रह रह कर याद आ रही है।
भोजन को प्यार से परोसना और फिर खाते देख गर्वित महसूस करना ये शायद माँ के हिस्से की कहानी है प्यार और स्वाद की रवानगी है
सासु माँ भी गुजरी कहानी है जो मेरे आस्तिव के गौरव की जबानी है अब मुहल्ले में फेरी वाले की गठरी खुलवा कोई सूट पसंद नहीं करवाता हाथों में मेंहदी लगवाने की मनुहार नहीं करता
आज मीठा बनाना ही है आवाज नहीं आती आज इस माँ की भी याद आ रही है
हर माँ के रगं निराले हैं बच्चों के सतरगीं सपनों का संसार बुनती है उसके सुख दुःख में जीवन भर चढ़ती और उतरती है
इस उतार चढ़ाव में अचानक से बूढ़ी हो जाती है फिर भी उनके सपनों के पूरा होने की बाट जोहती है माँ माँ ही होती है।
जब तक बच्चों को समझ आती है माँ दूर हो जाती है उसकी परछाई पकड़ कर दुलारने की कोशिश व्यर्थ हो जाती है
माँ भगवान् की सुदंर कृतियों में से एक है हर माँ को मेरा कोटि कोटि नमन है।