कितने चाँद तुम ढूंढना चाहते हो जीवन के आकाश में ? तुम रखो याद जीने की खातिर एक चाँद ही काफ़ी है , सूरज की तरह जो मन मन्दिर के भीतर प्रेम जगाए, रह रह कर झाँके जीवन कथा को बाँचे। और साथ ही जीवन को ख़ुशी के मोतियों से जड़कर इस हद तक बाँधे, कोई भी जीवन रण से न भागे। १०/०१/२००९.