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Nov 22
उम्मीद है
इस बार तुम
हंगामा नहीं करोगे,
सरे राह
अपने और गैरों को नंगा नहीं करोगे।


उम्मीद है
इस बार तुम
नई रोशनी का
दिल से स्वागत करोगे,
अपनों और गैरों को
नूतनता के रू-ब-रू कराकर
नाउम्मीदी से
मुरझाए चेहरों में
ताजगी भरोगे!
उनमें प्रसन्नता भरी चमक लाओगे!!


उम्मीद है
इस बार तुम
बेवजह ड्रामा नहीं करोगे,
बल्कि एक नया मील पत्थर
सदैव की भांति
परिश्रम करते हुए खड़ा करोगे!


उम्मीद है
इस बार तुम
सच से नहीं डरोगे,
बल्कि
असफलता को भी मात दे सकोगे !
कामयाबी के लिए झूठ बोलने से बचोगे !

२४/११/२००८.
Written by
Joginder Singh
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   Vanita vats
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