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Nov 22
वो पति परमेश्वर
क्रोधाग्नि से चालित होकर,
अपना विवेक खोकर
अपनी अर्धांगिनी को  
छोटी छोटी बातों पर
प्रताड़ित करता है।

कभी कभी वह
शांति ढूंढने के लिए
जंगल,पहाड़,शहर, गांव,
जहां मन किया,उधर के लिए
घर से निकल पड़ता है
और भटक कर घर वापिस आ जाता है।

कल अचानक वह
क्रोध में अंधा हुआ
अनियंत्रित होकर
अपनी गर्भवती पत्नी पर
हमला कर बैठा,
उससे मारपीट कर,
अपशब्दों से अपमानित
करने की भूल कर बैठा।

वह अब पछता रहा है।
रूठी हुई धर्म पत्नी को
मना रहा है,साथ ही
माफ़ी भी माँग रहा है।
क्या वह आतंकी नहीं ?
वह घरेलू आतंक को समझे सही।
इस आतंक को समय रहते रोके भी।
०१/१२/२००८.
Written by
Joginder Singh
55
   Vanita vats
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