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Nov 2024
जानवरों में
होती है जान!
पेड़ों,पक्षियों, सूक्ष्म जीवों में
होते हैं प्राण!!

आदमी
सरीखे पशु में
रहता आया है
सदियों सदियों से
आत्म सम्मान!


फिर क्यों हम
जीव जन्तुओं के वैरी बने हुए?
क्यों न हम सब
परस्पर सुरक्षित रहने की ग़र्ज से
एक विशालकाय
वानस्पतिक सुरक्षा छतरी बुनें?
आज हम सब पर्यावरण मित्र बनें।


बंधुवर! तुम आज इसी पल
पर्यावरण मित्र बनो
और संगी साथियों के साथ
प्रदूषण के दैत्य से लड़ो।
सच की रोशनी में ही आगे बढ़ो।
  १७/०९/२००९.
Written by
Joginder Singh
35
 
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