Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Nov 2024
यह
नितांत सच है कि
कोशिश
जीवन की कशिश है।
कोशिश करते-करते
सभी एक दिन
कामयाब हो जाते हैं,
वे अपने भीतर
जीवन की कशिश
भर पाते हैं,
अपने सपने
साकार कर जाते हैं।

कोशिश में ही
जीवन की कशिश
है छुपी हुई।

कोशिश, मतवातर कोशिशें
हैं सब जिजीविषा का उत्स,
जो जीवन को एक उत्सव
तुल्य बनातीं हैं।

कोशिशों ने ही
जीवन रण में संघर्षों की गाथाएं रचीं हैं।
ये कोशिशें ही हैं, जिन्होंने
मानव के भीतर कशिश भरी है।
जो जीवन का केंद्र बिंदु बनी है।

तुम सतत् अथक कोशिशें करते रहो।
अपने व्यक्तित्व में कशिश पैदा करो।
कामयाबी की एक अनूठी कथा रचो।
सुख समृद्धि के पंखों से नित्य नूतन उड़ान भरो।

तुम कोशिशें कर, जीवन संघर्ष में कशिश उत्पन्न करो।
तुम अपने अस्तित्व को पूर्णरूपेण कर्मठता को सौंप दो।
  २८/०२/२०१७.
Written by
Joginder Singh
45
 
Please log in to view and add comments on poems