हमें जीवन में समय की पाबंदी चाहिए, सच्चे और झूठे की जुगलबंदी चाहिए।
समय कोहिनूर से कम नहीं, इसे बिताते हुए अक्लमंदी चाहिए। कुछ लोग भटकते रहते हैं, उन्हें जिंदगी में हदबंदी चाहिए। आज भटकाव और अटकाव के इस दौर में ठहराव से बचने के लिए हर किसी को अपने स्व की घेराबंदी कर लेनी चाहिए, ताकि मन की शांति बनी रहे, मन के भीतर आत्म विश्वास बना रहे। गर्दनें स्वाभिमान से हरदम तनी रहें।