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Nov 2024
आज
बिटिया ने अपना सारा स्नेह
भोजन परोसते समय
प्यार भरी मनुहार के साथ
ढेर सी सब्जी
थाली में डाल कर किया।
मेरे मुख से
बरबस ही
  समस्त स्नेह भाव
एक अद्भुत वाक्य बन प्रस्फुटित हुआ,
" अब सारा प्यार मेरी थाली में
उड़ेल दोगी क्या!"
पास ही उसके पापा बैठे थे, विनोद,
जिन्हें
मैं
कभी-कभी
मनोविनोद के नाम से
संबोधित करता हूं!
यह पल
मुझे
प्यार का सार बता गया।
इसके साथ ही
संसार का सार भी समझा गया।
सच! इस पल को जीकर
मैं भाव विभोर हुआ ।
Written by
Joginder Singh
37
 
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