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Nov 2024
तुम्हारे सूरज की किरणें
प्रेम की बूदों से गुथी
मन की चादर पर
इद्रंधनुष के रंग बिखेरती
मन को उल्लासित कर
आह्लादित कर
जीवन की झलक दिखलाती हैं।

तुम्हारे सूरज की किरणें
मन की धरा पर पड़ी बर्फ को पिघला
नवजीवन उत्सर्जित कर
हृदय की तंरगों को तरंगित कर
नए स्वरों को निर्मित कर
जीवन के गीत सुनाती हैं।
Written by
Vanita vats
47
   Aniruddha
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