तुम्हारे सूरज की किरणें प्रेम की बूदों से गुथी मन की चादर पर इद्रंधनुष के रंग बिखेरती मन को उल्लासित कर आह्लादित कर जीवन की झलक दिखलाती हैं।
तुम्हारे सूरज की किरणें मन की धरा पर पड़ी बर्फ को पिघला नवजीवन उत्सर्जित कर हृदय की तंरगों को तरंगित कर नए स्वरों को निर्मित कर जीवन के गीत सुनाती हैं।