दीन ओ धर्म के नाम पर जब अवाम को बरगलाया जाता है, तब क्या ईश्वर को भुलाया नहीं जाता है?
दीन ओ धर्म तब तक बचा रहेगा , जब तक आदमी का किरदार सच्चा बना रहेगा ।
दीन ओ धर्म तभी तक असरकारी है, जब तक आदमी की आंखों में शर्म ओ हया के जज़्बात जिंदा रहते हैं, अन्यथा लोग हेराफेरी, चोरी सीनाज़ोरी में संलिप्त रहते हैं, अंहकारी बने रहते हैं, जो धर्म और कर्म को दिखावा ही नहीं, बल्कि छलावा तक मानते हैं। ऐसे लोग धर्म की रक्षा के नाम पर देश, समाज, दुनिया को बांटते हैं, नफ़रत फैला कर अपनी दुकान चलाते हैं, भोले भाले और भले आदमी उनके झांसे में आकर बेमौत मारे जाते हैं।