मर्यादा माया से डरें नहीं बल्कि वह अपनी सीमा से बंधी रहे। कुछ ऐसा तुम पार्थ करो, सार्थक जीवन के लिए जन जन के प्रेरक बनो । कहे है इतिहास सभी से कृष्ण सा चेतना पुंज बनो। जीवन युद्ध के संघर्षों में शत्रुहंता होने के निमित्त धनुष पर राम बाण से होकर तनो । जीवन के वर्चस्व को राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत की तरह चुनो।