अभी अभी टेलीविजन पर एक कार्यक्रम देखते हुए, ब्रेक के दौरान विज्ञापन देखते हुए आया एक ख्याल कि श्रीमती को दिया जाए एक उपहार। विज्ञापित सामग्री खरीदी जाए, और एक टिप्पणी के साथ श्रीमती जी को सहर्ष सौंप दी जाए। विज्ञापन कुछ यूं प्रदर्शित था, मक्खन सी मुलामियत वाली पांच सौंदर्य साबुन के पैक के साथ एक बॉलपेन फ्री।
श्रीमती की लेखन प्रतिभा का करते हुए सम्मान उन्हें उपरोक्त विज्ञापन वाली सामग्री दी जाए, साथ ही किया जाए टिप्पणी सहित अनुरोध, " ....यह सौंदर्य सामग्री बॉलपेन की ऑफ़र के साथ प्राप्त हुई है जी। आप इसका उपयोग करें, सौंदर्य साबुन से मल मल कर स्नान कीजिए। साबुनों के साथ मिले फ्री के पैन से कविताएं लिखें और सुनाएं, निखार के साथ भी, निखार के बाद भी,मन बहलाएं जी।"
विज्ञापित सामग्री मैं बाज़ार से ले आया हूं, सोचता हूँ, दूं या न दूं, दूं तो डांट, फटकार के लिए खुद को तैयार करूँ। आप से मार्ग दर्शन अपेक्षित है। वैसे अनुरोधकर्ता घर बाहर उपेक्षित है, एक दम भोंदू, रोंदू पति की तरह, जो तीन में है न तेरह में। ढूंढता है मजा जीने में, कभी कभार की सजा में।