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Joginder Singh
Poems
3d
निज से वार्तालाप
वत्स का उत्स
उत्सव में छिपा है!
समय और उसने
कहीं कुछ छिपाया नहीं!!
आगे बढ़ने की ललक
बराबर भीतर बनी रही,
इसे कभी दबाया नहीं।
बस आप इसे समझिए सही।
जीवन में गड़बड़ी न होगी कभी।
००५/२०२०.
Written by
Joginder Singh
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