थू!थू! थूक ना! जीवन में आपात काल आ चुका है। अगर किसी ने देख लिया आफत आ जाएगी । जान बचानी मुश्किल हो जाएगी। जुर्माना तो देना ही होगा, बल्कि हवालात की सैर भी करनी पड़ सकती है। जीवन में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अच्छा होगा भूल कर भी न थूक। यह बन सकती है एक सुरक्षा, स्वास्थ्य संबंधी चूक। १४/०५/२०२०.क
कोरोना काल के भयभीत करने वाले काल खंड को ध्यान में रखते हुए कविता को पढ़ा जाए।