बेशक तुमने जीवन पर्यन्त की है सदैव नेक कमाई पर आज आरोपों की हो रही तुझ पर बारिश है नहीं तेरे पास,
कोई सिफारिश खुद को पाक साफ़ सिद्ध किए जाने की । फल यह निकला तुम्हें मिला अदालत में आने अपना बयान दर्ज़ करने के लिए स्वयं का पक्ष रखने निमित्त फ़रमान। अब श्री मान कटघरे में पहुँच चुकी है साख। यहाँ निज के पूर्वाग्रह को ताक पर रख कर कहो सच । निज के उन्माद को थाम, रखो अपना पक्ष, रह कर निष्पक्ष। यहाँ झूठ बोलने के मायने हैं अदालत की अवमानना और इन्साफ के आईने से मतवातर मुँह चुराना, स्वयं को भटकाना। मित्र! सच कह ही दो ताकि/ घर परिवार की/अस्मिता पर लगे ना कोई दाग़। आज कटघरे में है साख। न्याय मंदिर की इस चौखट से तो कतई न भाग! भगोड़े को बेआरामी ही मिलती है। भागते भागते गर्दनें स्वत: कट जाया करती हैं , कटे हुए मुंड दहशत फैलाने के निमित्त इस स्वप्निल दुनिया में अट्टहास किया करते हैं। आतंक को चुपचाप नैनों और मनों में भर दिया करते हैं।