Hello < Poetry
Classics
Words
Blog
F.A.Q.
About
Contact
Guidelines
© 2024 HePo
by
Eliot
Submit your work, meet writers and drop the ads.
Become a member
Joginder Singh
Poems
6d
जिस्म की चाहत
जिस्म
सर्द मौसम में
तपती आग को
ढूंढना है चाहता।
जिस्म
गर्म मौसम में
बर्फ़ सरीखी
शीतलता है चाहता।
जिस्म
अपनी मियाद
पूरी होने पर
टूट कर बिखर है जाता।
नष्ट होने पर
उसे जलाओ या दफनाओ,
चील,गिद्ध, कौओं को खिलाओ।
क्या फ़र्क पड़ता है?
क्यों न उसे दान कर पुण्य कमाओ!
क्या फ़र्क पड़ता है?
जगत तो अपने रंग ढंग से
प्रगति पथ पर बढ़ता है ।
Written by
Joginder Singh
Follow
😀
😂
😍
😊
😌
🤯
🤓
💪
🤔
😕
😨
🤤
🙁
😢
😭
🤬
0
45
Vanita vats
Please
log in
to view and add comments on poems