सन २०२३और २०२४ के दौर में राजनीति नित्य नूतन खेल ,खेल रही है। मेरे शब्दकोश में एक नया शब्द " खेला" शामिल हुआ है। समसामयिक परिदृश्य में राजनीति करने वाले सभी दल उठा पटक के खेल में मशगूल हैं। सन २००५ में लिखे शब्द उद्धृत कर रहा हूँ...., "इन दिनों एक अजब खेल खेलता हूँ... जिन्हें/ मैं/दिल से/चाहता नहीं , उनके संग/सुबह और शाम जिंदगी की गाड़ी ठेलता हूँ! अपनी बाट मेल ता हूँ।"
आप ही बतलाइए २००५ से लेकर २०२४ में क्या परिवर्तन हुआ है ? या बस / व्यक्ति,परिवार,समाज और राजनीति में/ नर्तन ही हुआ है । उम्मीद है ,यह सब ज़ारी रहने वाला है। याद रखें,अच्छा समय आने वाला है।