जीवन युद्ध है एक सतत संघर्ष, इसमें उत्कर्ष भी है, तो अपकर्ष भी। अनमोल मोती सा उत्कृष्ट निष्कर्ष भी।
यदि आप चाहते हैं कि जीवन युद्ध रहे ज़ारी। यह तानाशाह के हाथों में बने न नासूर सी बीमारी। ... बनना होगा भीतर तक निष्पक्ष। करना होगा भीतर बाहर संघर्ष। आप काले दिन झेलने की करें प्राण, प्रण से तैयारी। ....और हाँ,खुद को सच केवल सच कहने, सुनने के लिए करें तैयार। जीवन मोह सहर्ष दें त्याग। २६/०१/२०१०