जरुरी नहीं जो सबके चेहरे पर हँसी लाए, वो खुद खुश हो.... जरुरी नहीं जैसा तस्वीरों में दिखता है, वो हकीकत में वैसी ही हँसमुख हो.... जो सबको motivate करती हो, क्या पता वो रात खुद ही रोती है... सबके सामने एक दम chill रहने वाली, हो सकता है अन्दर से बिलकुल अकेली हो.... जो सबकी परेशानी का हल निकाल देती हो, हो सकता है वो खुद की परेशानियों से ही परेशान हो... क्या पता वो ये सब किसी को बताना चाहती हो पर, किसी को बता भी नहीं पा रही हो, जो बाहर से बिल्कुल शांत दिखती हो, क्या पता अन्दर से शौर मचाती हो, भीड़ से घिरी हो पर क्या पता, खुद को अकेला पाती हो, जिसे देखकर सब कहे की जिंदगी हो तो ऐसी हो, हो सकता है वो कहती हो.... ये जिंदगी ऐसी क्यों है? सबके सामने जो बिल्कुल खुली किताब की तरह हो, ना जाने वो अपने अन्दर कितने राज दबाए हो....