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May 2020
ख़्वाब जो है मेरे , वो तुम और तुम्हारी सोच से परे हैं ।
मेरे ख़्वाब और मैं , हम दोनों ही तुम्हारी सोच से परे हैं ।।
अक्सर कहते हो सोचो कम , करो ज्यादा और मज़ाक  जो बनाते हो ।
उन्ही मज़ाको की बजह से ही आज मेरी सोच यूँ इतनी ऊंची है । ।
सुना ही होगा बचपन में , जिस चीज़ के लिए मना किया जाये बच्चा वहीं करता है ।
खैर खुदा की महर कुछ यूँ है , की नसीबो से मिलने वाला संसार मुझे यूँ ही दिया है ।।
मेरा संसार मेरी दुनिया मेरा घर मेरे माता पिता , जिन्होंने आज तक तभी कुछ भी करने से  ना रोका ।
और तुम होते कौन हो मेरे और मेरे ख़्वाबो के बारे में टीपड़ी करने वाले ।।
मेरे ख़्वाब थोड़े ऊचे है जो मुझे पूरी मेहनत से करने पूरे हैं ।
मेरे पापा का गुरुर हु मैं , मेरी माँ की शान हुँ उन दोनों के ख़्वाबो को पूरा करने में बलिदान हु मैं ।।
क्यों की उनके ख़्वाबो  को पूरा करना ही मेरा  ख़्वाब है ।।।।।

।।।।।।मेरी कलम से ।।।।।।
dedication toward my dreams
Written by
Iti Dubey  24/F/india
(24/F/india)   
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