।।।। अच्छा सुनो ।।।। मुझे चाय बनानी आती है , तुम्हे पीनी है क्या ।। मैं थोड़ा पानी बन जायुगी , तुम्हे दूध बनना आता है क्या ।। थोड़ी चायपत्ती तुम बन जाना , मुझे मिठास भरना आता है ना ।। अदरक और इलाइची तुम चाहोगे तो मैं डालूँगी । अदरक और इलाइची तुम चाहोगे तो ही मैं डालूँगी ।। आखिर रिश्तो के सामंजस्य से ही तो सब है ना । कभी तुम मेरी सुनोगे , और हमेशा मैं तुम्हारी मानूगी ।। यही तो जीवन है ना , तो मेरे साथ चाय बनाओगे क्या । मुझे मिठास भरना आता है , तुम रिश्तो के गहरे रंग से चाय में भी रंग भरोगे ना । अच्छा सुनो ,मुझे चाय बनानी आती है , तुम्हे पीनी है क्या।।