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May 2020
अब थक चुकी हु मैं
हा सुन लो थक चुकी हु मैं
नहीं हु कोई लक्ष्मी बाई ना ही कोई जोधा बाई
इंसान हु यर बस बहुत हुआ अब नहीं होता
हर वक्त सबके मुँह देख के रहना की कोई मेरी बजह से परेशान ना हो
अब नहीं होता ये सब आखिर मैं भी तो इंसान हु कोई भगवान नहीं
हर वक्त ये सोच के चुप रह जाना की छोटी हु मेरी गलती होगी
अब नहीं होता यार हर बात में हर वक्त में एक ही इंसान गलत कैसे हो सकता है
हर बात में खुद की गलती मान मान के अब हर बात में खुद को भी खुद की ही गलती दिखने लगी है
मैं खो रही हु कहीं मैं ऐसी नहीं हु मैं ऐसे चुप रहने वालो में से नहीं हु
खो रही हु कही कोई ढूढ़ने वाले की तलाश में
हा ये सच है की खो चुकी हु मैं खुद की ही तलाश में
अब थक चुकी हु मैं खुद की ही तलाश में
जाना चाहती हु ऐसी जगह जहां मैं खुद को भी ना ढूंढ पायू
खोना चाहती हु मैं जहां खुद भी ना ढूंढ पायु

        ।।।।।।मेरी कलम से ।।।।।।
Written by
Iti Dubey  24/F/india
(24/F/india)   
60
 
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