अगर तुम यह खत , पढ़ो कभी किसी वकत। तो याद करना वो दिन, जब नहीं जी सकते थे एक दुजे के बिन। याद करना वह पल, जब मेरे-तुम्हारे सुख-दुख बनाते थे हमारा कल। जब हम ना हुए अपने पर हो गए थे आपके, आपकी मिसाल देते थे सामने सबके। याद करना वह पल, वह तौफे जिहने अपने हाथ कटवाकर बनाए आपके माफे। ऐसी करी हमने कौनसी खता, या रखी कौन सी कमी कया पता? कया ईतना आसान था, ऐ मेरी लता, कया तेरा प्रेम था बस एक खता। छोड़ दिया एक पल मे, एक ऐसे की याद कमे, जिसकी जिंदगी मे तुम न रखते कोई माईने। पर घनयवाद तुमहारा, तोड़ा न सिर्फ तुमने मेरा दिल पर साथ ही मेरा भरोसा, आज से लेता हूँ एक शपथ, कि दोबारा नहीं करूंगा किसी से न प्रेम न भरोसा। आज से करूंगा सिर्फ एक बरकत, कुछ जातियों से बेतहाशा नफरत। यही होता आया हैं भलाई के साथ, ऐसा ही सिला लगता हैं ऊन भले लड़को के हाथ। ईसलिए लड़को याद रखना मेरी बात, कभी न करना प्रेम की सौगात।