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Jun 2019
मृदुला - जसवंत - यशु जान


उनके नाम दो हैं रिश्ता एक है ,
एक का दिल पत्थर एक का नेक है ,
प्यार में लड़ाई लाज़मी है होनी ,
उबलते गुस्से से फ़िर निकलता सेक है ,
नाम के विपरीत हैं दोनों ,
करते बात हैं बड़े अदबों की ,
एक यश , कीर्ति को ढूंढे ,
दूसरा चाहे मिठास लफ़्ज़ों की ,
उनके नाम दो हैं रिश्ता एक है |

रूठ जाते हैं , मान जाते हैं ,
लड़ते समय भूल पहचान जाते हैं ,
गुस्सा ठंडा हो तो तब याद आता ,
हम एक दुसरे पर ईमान लाते हैं ,
आँखें बंद कर पहचान लेते ,
आहट एक - दुसरे के क़दमों की ,
एक यश , कीर्ति को ढूंढे ,
दूसरा चाहे मिठास लफ़्ज़ों की ,
उनके नाम दो हैं रिश्ता एक है |

इश्क़ में कोई , ज़ात - पात ना ,
अलग होने की अब करते बात ना ,
समझ है उनको साफ़ दिल वालों के ,
ढूंढने से भी मिलते हैं साथ ना ,
बात अलग ही होती यशु जान ,
इन इश्क़ के पाकीज़ा नग़्मों की ,
नाम के विपरीत हैं दोनों ,
करते बात हैं बड़े अदबों की ,
एक यश , कीर्ति को ढूंढे ,
दूसरा चाहे मिठास लफ़्ज़ों की ,
उनके नाम दो हैं रिश्ता एक है |

मृदुला - जसवंत - यशु जान
मृदुला - जसवंत - यशु जान
Written by
Yashu Jaan  25/M/Jalandhar
(25/M/Jalandhar)   
  222
 
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