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Jan 2013
वो मस्ती के दिन जाने कन्हा गुम हुए
वो बचपन के दिन जाने कन्हा गुम हुए
वो बचपन की मस्ती वो कागज की कसती
वो बारीस की रिम्जिम में ,भीगने की मस्ती
वो करी धुप में घुमने ,दोस्तों के संग जाना
जाने संग दोस्तों का कान्हा गुम हुए
वो मस्ती के दिन जाने कन्हा गुम हुए .....
वो स्कूल न जाने की जिद
न होम वर्क बना
क्लास रूम के वो बहार खरे
दोस्तों संग मुस्काना
टीचर जो पूछे तो बहाने बनाना
वो स्कूल के दिन जाने कन्हा गुम हुए
वो मस्ती के दिन जाने कन्हा गुम हुए .............
वो कॉलेज के दिन जाने कन्हा गुम हुए
वो कॉलेज जाना ,टाइम कैंटीन में बिताना
कैम्पस में दोस्तों संग जोरो से गीत गाना
आते जाते लारकियों को देख मुस्काना
वो सिटी बजाना
वो कॉलेज की मस्ती जाने कन्हा गुम हुए
वो मस्ती के दिन जाने कन्हा गुम हुए ..........................
यूँ तेरी हर यादो को दिल में बसा के रखा हूँ
तेरी हर बातो को दिल में सजा के रहा हूँ
तेरे लबो की हंसी ,तेरी आँखों का काजल
मुझे तलासती तेरी निगाहे जाने कान्हा गुम हुए
मुझे थमती तेरी बान्हे तेरी बान्हे जाने कान्हा गुम हुए
मुझे तलासती तेरी निगाहे जाने कान्हा गुम हुए
वो प्यार के दिन जाने कान्हा गुम हुए (२)
वो बचपन के दिन जाने कन्हा गुम हुए
वो मस्ती के दिन जाने कन्हा गुम हुए ....................
Mann Choudhary
Written by
Mann Choudhary  Ranchi
(Ranchi)   
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