Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Jul 2018
काश कुछ जादू सा हो सकता,
सब कुछ मेरे बस में हो सकता।
करती फिर अपने सपने साकार,
और जीत महसूस होती हर बार।
ख्वाहिशें हैं मेरी हज़ार,
काश मै कर सकती सब साकार।
काश ये जादू कर सकती एक बार,
तो कभी ना महसूस करती मै हार।
ज़िन्दगी मेरी कुछ अलग ही होती,
अगर ख्वाहिशें मेरी पूरी होती।
काश ये जादू करना होता आसान,
तो कभी नहीं लगती अपनी ही ज़िन्दगी  अंजान।
कर देती पूरे सबके अरमान,
फिर देती ज़िन्दगी को एक अंजाम।
काश कुछ जादू सा हो सकता,
सब कुछ मेरे बस में हो सकता।
Riya jain
Written by
Riya jain  17/F
(17/F)   
205
 
Please log in to view and add comments on poems