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Nmai
Poems
Jun 2018
आये हुए वक़्त में खुशियां ढूंढती हु में
अपने सुकून की तलबगार हूँ मै
अपने ही नूर में मशरूफ़ हूँ मै
आज किसी की ज़ुस्तजू नही हैं
कोई ख्वाब की ताबीर नही हैं
अपने से ही अपनी क़ुरबत हैं
इसीलिए जरा जरा
आये हुए वक़्त में खुशियां ढूंढती हु में.......
Written by
Nmai
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