ऐतबार कर लिया इंतज़ार कर लिया आंसुओं से भी हमने कुछ उधार कर लिया
दिल तो तूने लिया दर्द मुझको दिया, दिल तो तूने लिया दर्द मुझको दिया दर्देदिल का भी तूने कारोबार कर लिया ऐतबार कर लिया इंतज़ार कर लिया आंसुओं से भी हमने कुछ उधार कर लिया
याद करता हूँ मैं आँहें भरता हूँ मैं, याद करता हूँ मैं आँहें भरता हूँ मैं सारे खाबों को तूने तार तार कर दिया ऐतबार कर लिया इंतज़ार कर लिया आंसुओं से भी हमने कुछ उधार कर लिया
सब सहते हैं हम दूर रहते हैं हम, सब सहते हैं हम दूर रहते हैं हम मेरे ज़ख्मों से तो तूने श्रृंगार कर लिया ऐतबार कर लिया इंतज़ार कर लिया आंसुओं से भी हमने कुछ उधार कर लिया
मौत आती नहीं जान जाती नहीं, मौत आती नहीं जान जाती नहीं ज़िन्दगी को ही हमने कर्ज़दार कर लिया ऐतबार कर लिया इंतज़ार कर लिया आंसुओं से भी हमने कुछ उधार कर लिया
ये एक छोटी सी ग़ज़ल है जिसमें इंतज़ार कि हद जब पार हो जाए तो कैसा लगता है|