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Nov 2016
!! कई दिनों के बाद !!
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कई दिनों के बाद कलम ने
परिचित सा व्यहार किया
कई दिनों के बाद कलम ने
है खुद को सृगार किया !!
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कई दिनों के बाद कलम ने
सूरज तुझे बुलाया है ?
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कई दिनों के बाद कलम
कुछ परिचित प्रश्न उठाते है
कई दिनों के बाद कलम ने
दर्पण सा व्यहार किया !!
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प्रश्न कलम के लाखो है
पर मै किस पर बिचार करुं
जतीबाद पर लिखूँ
या मै नारीबाद पर वार करुं !!
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राजनिती के इन मुद्दो पर
श्याही नही बहाऊँगा
राजनिती के कुछ मुद्दो को
राष्ट्रवाद तक लाऊँगा !!
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- सूरज कुमार सिँह
01-11-2016
After long time my pen treated me as a known,
After long time my pen Reacts as a Mirror !!
Few Lines Of My New Poem....
suraj kumar singh
Written by
suraj kumar singh  ODISHA
(ODISHA)   
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