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Jan 2015
बात न आए समझ हमारी कैसी तुमसे दूरी है,
आज बता भी दो तुम हमको कैसी ये मजबूरी है,
प्रेम किया है सदा तुम्हीं से तुमसे ही ये कहता हूँ
घट पनघट हैं लाखों लेकिन मेरी प्यास अधूरी है।
Akshay 'Amrit'
Written by
Akshay 'Amrit'  Indore, India
(Indore, India)   
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