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Mann Choudhary Apr 2013
RAHEN THAKATI RAHI ANKHE ,
RAHO ME TERE HUMDAM,
KE KABHI TUMAKO BHI PHURASAT ** ,
MILANE KO HUM SE,
SANSE CHALTI RAHI KE JIYA,
SOCHA MILUGA TUMASE,
YE SOCH  AB TAK NA SOE MERI ANKHE.......................♥
Mann Choudhary Apr 2013
जाऊ तो कन्हा जाऊ
दर्द के सागर में डूबा समां
देखू चाहे जिस ओर
लगे है कोई मन का चोर
हर तरफ लालच
चाहत कुछ पाने की
स्वार्थ के सागर में डूबा समां
जाऊ तो कन्हा जाऊ .............
न जाने लगी किसकी नजर
सब है यंहा बेखबर
धर्म के नाम पे लरते सब यंहा
ना जाने इंसा खोया कन्हा
जाऊ तो कन्हा जाऊ .............
सोचु लौटु अपनो के बीच
फिर सोचु पराये है सब यंहा
कौन अपना कौन पराया
की लराई क्यों
क्यों लर रहे सब यंहा
जाऊ तो कन्हा जाऊ .............
आज एक बाप हवस का भूखा
बेटी की इज्जत लुटे यंहा
हर तरफ है बेहसी चेहरा
इज्जत लुटे यंहा वंहा
जाऊ तो कन्हा जाऊ .............
हर तरफ एक माँ की बेटी
हर रात डर-डर के सोती
ना जाने कब कौन लुटे कन्हा
सोचु कौन अपना,सोचु कौन अपना
जाऊ तो कन्हा जाऊ ..........
****मन
Mann Choudhary Jan 2013
कभी सोचा के कोइ दोस्त होता
जो कुछ सुनता कुछ
अपने दिल की कहता
तुम जो मिला
जैसे मिली दिल को
धरकन .....
सांसे तो चलती थी
जैसे थी कोए तरपन
हर तरफ थी तन्हाई
सुना था दिल का आंगन
तुम जो आई जैसे मिला
सुखी धरती को सावन
कभी सोचा के .......
प्यासी है आँखे
कभी दीदार तेरा होगा
कभी तो तू मिलेगी
और प्यार होगा
हाथो में हाथ
कभी तो थमेगे
तेरा दामान
कभी सोचा के ...............
Mann Choudhary Jan 2013
जाने क्यों तेरी यांदो ने फिर सताया मुझको
जाने क्यों ये माँ तेरी बहुत ,
याद आ रही है
तेरा वो मुस्काना ,गले से लगाना
तेरी हर मीठी बाते ,याद आ रही है
मेरा तुम से यूँ रूठना और तेरा मानना
हाथ सर पे रख बेटा बेटा बुलाना
संग तेरे खाना ,यूँ तेरा हाथो से खिलाना
तेरी हर मीठी बात याद आरही है
जाने क्यों मेरे आँखों के आंसू थमते नहीं अब
तेरी यादे इस कदर मुझको तरपा रही
ये माँ तेरी बहुत याद आ रही है
ये माँ तेरी बहुत याद आ रही है.......
Mann Choudhary Jan 2013
वो मस्ती के दिन जाने कन्हा गुम हुए
वो बचपन के दिन जाने कन्हा गुम हुए
वो बचपन की मस्ती वो कागज की कसती
वो बारीस की रिम्जिम में ,भीगने की मस्ती
वो करी धुप में घुमने ,दोस्तों के संग जाना
जाने संग दोस्तों का कान्हा गुम हुए
वो मस्ती के दिन जाने कन्हा गुम हुए .....
वो स्कूल न जाने की जिद
न होम वर्क बना
क्लास रूम के वो बहार खरे
दोस्तों संग मुस्काना
टीचर जो पूछे तो बहाने बनाना
वो स्कूल के दिन जाने कन्हा गुम हुए
वो मस्ती के दिन जाने कन्हा गुम हुए .............
वो कॉलेज के दिन जाने कन्हा गुम हुए
वो कॉलेज जाना ,टाइम कैंटीन में बिताना
कैम्पस में दोस्तों संग जोरो से गीत गाना
आते जाते लारकियों को देख मुस्काना
वो सिटी बजाना
वो कॉलेज की मस्ती जाने कन्हा गुम हुए
वो मस्ती के दिन जाने कन्हा गुम हुए ..........................
यूँ तेरी हर यादो को दिल में बसा के रखा हूँ
तेरी हर बातो को दिल में सजा के रहा हूँ
तेरे लबो की हंसी ,तेरी आँखों का काजल
मुझे तलासती तेरी निगाहे जाने कान्हा गुम हुए
मुझे थमती तेरी बान्हे तेरी बान्हे जाने कान्हा गुम हुए
मुझे तलासती तेरी निगाहे जाने कान्हा गुम हुए
वो प्यार के दिन जाने कान्हा गुम हुए (२)
वो बचपन के दिन जाने कन्हा गुम हुए
वो मस्ती के दिन जाने कन्हा गुम हुए ....................
Mann Choudhary Jan 2013
हम वो नहीं जो अपनो से डरते है
बुजदिल है वो लोग जो आपस में लरते है
अरे लरना है तो लरो उन जवानों की तरह
जो हँसते-हँसते अपनी भारत माँ पे मरते है
****जय हिन्द
Mann Choudhary Jan 2013
जाने क्यों लगे
आज फिर कोई लम्हा छुट रहा हो मुझसे
अन्दर ही अन्दर कोई कुछ लुट रहा हो मुझसे
बेताबी इसकदर है की धरकने थमती ही नहीं
यूँ तो गुजरने को साल गुजरते है
ये वक्त गुजराती ही नहीं
सोचता हूँ कह दू हर वो बात
जो अब तक नहीं कहा तुझसे <3

— The End —