"शब्दो के अल्फाज़ मे,
बिछरे हुए दामन के लिबास में ,
यादो के समुंदर में ,
बिछरे जिंदगी के लहेरो में ,
रात के अंधरे में,
दिन के उजाले में,
सपनो के क्वॉइश में ,
आबरू के दामन में ,
पलके रुकी है , नजरें अटकी है ,
साँसे थमी है ,हर वक़्त मेर रुका है ,
बस तेरी आहट के इंतिज़ार में। "
"दीप "