"यु तॊ मैने तुम्हे देखा नहीं , तेरी आहटो से खेला नहीं , तेरी बातों के जज्बात में मेहकती वो खुसबू , मेरी धरकनो में बसी है तेरी चाहतो की आहट , हर सॉस मेरा तेरी धरकनो से मिलना चाहता है , बस कहना चाहता है :- मोह्ब्बत है तुम से , मोह्ब्बत है तुम से "। । "दीप"