Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
पत्नी
यदि अच्छी है
तो जोरू का गुलाम
बनने और कहलाने में
काहे का हर्ज़ है,
यह तो डरपोक और कुटिल
इंसानों के भीतर पैदा हुआ मर्ज़ है,
इस रोग से
जितना जल्दी बचा जाए,
उतना अच्छा है!
पत्नी सेवा करना
हर बहादुर पति का फ़र्ज़ है।
यह समझ
सुलझे इंसानों के धुर भीतर दर्ज़ है।
सचमुच जोरू का गुलाम
शांति प्रिय होता है,
बेशक
वह दोस्तों की
आँखों में
हरदम खटकता है।
वह आसानी से कहाँ भटकता है ?
उसका मन
पत्नी सेवा में ही
जो
अटकता है।
ख़ुशी ख़ुशी
जोरू का गुलाम बनिए ,
जीवन में खुशियों को वरिए।
22/03/2025.
यह सुनने में बड़ा अच्छा लगता है कि
जल है तो कल है,
सुखद भविष्य के लिए
जल का संचयन करें ,
कुदरत माँ को समृद्ध करें।
परंतु आदमी के क्रिया कलाप
विपरीत ही ,
पूर्णतः विरोधाभासी होते हैं,
समय पर वर्षा न होने पर
सब रोते कुरलाते हैं,
उन्हें अपने कर्म याद आते हैं।
आज विश्व जल दिवस के दिन
माली जी ने मुझे चेताया कि
साहब , मैं छुट्टियां लेकर क्या घर गया !
पौधों को पानी न मिलने के कारण
सारा बगीचा मुरझा गया।
आप जो लीची का जो पौधा लेकर आए हैं ,
यह भी सूख गया है !
आप का पैसा बर्बाद हुआ।

अब गर्मी आ गई है ,
पानी ज़्यादा  चाहिएगा ,
वरना पौधे कुमल्हा जायेंगे!
वे बिन आई मौत मारे जायेंगे!!
जैसे लीची का पौधा
पानी न मिलने से मर गया।

मुझे ख्याल आया कि
जल का संरक्षण कितना अपरिहार्य है।
यह जीने की शर्त अनिवार्य है।
फिर हम सब क्यों कोताही करें?
क्यों न सब अपनी संततियों के लिए
कुछ समझदार बनें ,
जल को यूं ही न बर्बाद करें।


माली जी ने मुझे चेताया था।
कुछ कुछ अक्लमंद बनाया था।
थोड़ी सी लापरवाही ने लीची के पौधे की
जान ले ली थी।
भविष्य की समृद्धि पर भी
कुछ रोक लग गई थी।
बेशक इसे आदमी चंद रुपयों का नुकसान समझे,
पर सच यह है ,
पेड़ एक बार पल जाने पर
सालों साल समृद्धि का उपहार देते हैं!
वे जीवन को खुशहाली का वरदान भी देते हैं!!
२२/०३/२०२५.
जीवन में अनुभव
मित्र सरीखा होता है ,
बगैर अनुभव के
जीवन फीका फीका सा लगता है ,
इसमें प्रखरता
और तीखापन लाने के लिए
अनुभव का होना बहुत जरूरी है।
अनुभव
एक दिन में नहीं आता,
इसके लिए
जीवन की भट्ठी में
खुद को है तपाना पड़ता है,
तब कहीं जाकर
जीवन कुंदन बनता है,
वह सुख,समृद्धि और संपन्नता का
आधार बनता है।
अनुभव युक्त होने से
संसार का कारज व्यवहार
आगे बढ़ता है।
इस को अनुभूत करने के निमित्त
होना चाहिए शांत चित्त।
अतः मनुष्य अपनी दिनचर्या में
कठोर मेहनत को शामिल करे,
ताकि जीवन में आदमी
निरंतर आगे बढ़ता रहे।
आदमी अनुभव के बूते
सदैव चेतना युक्त
प्रगतिशील बना रहे,
वह संतुलित दृष्टिकोण
अपने जीवन में
विकसित कर सके ,
अपने व्यक्तित्व में निखार लाता रहे
और सब्र ,संतोष ,संतुष्टि को प्राप्त कर सके।
22/03/2025.
किसी को
किसी के
ख़्वाब बेचना
आजकल
चोरी चकारी
कतई नहीं है,
यह अब एक कला है!
जिससे वह
तथाकथित जीनियस पला है !!
बुरा मत मानना
न ही बुरे को भूले से मनाना
यहाँ मना है ,
यहाँ हर कोई
निर्दोष के खून से सना है।
अब सब यहाँ व्यापारी हैं,
जिनके जेहन में
चोरी सीनाजोरी ही
नहीं बसी है,
वरन रग रग में मक्कारी है।
इस दुनिया के बाज़ार में
शराफ़त पग पग पर हारी है !
चोर चोर मौसेरे भाइयों से
लगा रखी मुनाफाखोरों ने यारी है  !!
मन में कहीं गहरे बसी अय्यारी है  !!
उनका वश चले तो आका को बेच खाएं !
यही नहीं बस ! वे गरीब के घर में भी सेंध लगाएं !
वे हर पल सुविधा ही नहीं ,दुविधा तक को बेचना चाहते हैं !
वे पक्के व्यापारी हैं, हर नायाब और वाहियात चीज़ को बेचने का हुनर रखते हैं !
वे बेचना चाहते हैं सब कुछ !
क्या श्रेष्ठ और क्या तुच्छ !
वे मोटी खाल वाले व्यापारी हैं !
और हम सब उनके मुनाफे की वज़ह !
जिन्हें वे भिखारी और आसान शिकार समझ करना चाहते जिब्ह बेवजह !!
बेचना पड़ेगा सभी को अपना सुख चैन, एक दिन उनके हाथों !
बचा ले अपना ईमान समय रहते ,भाई साधो !
बना न रह देर तक , कभी भी , मिट्टी का माधो !
वे चाहते हैं तुम्हे बेचना ,पर तुम सस्ते में खुद को न कभी बेचना।
बचा कर रख अपने पास ,अपना अनमोल धन चेतना।
अगर यह भी बिक गई तो बचेगी अपने पास महज वेदना।
अपनी संवेदना को आज सहेज कर रखना बेहद ज़रूरी है।
२१/०३/२०२५.
आदमी अपने अंतर्विरोधों से लड़े।
वह कभी तो
इनके खिलाफ़ खड़े होने का साहस जुटाए,
अन्यथा उसका जीवनाधार धीरे धीरे दरकता जाए।
इसे समझकर,
विषम परिस्थितियों में खुद को परखकर
जीवन के संघर्षों में जुटा जाता है,
हारी हुई बाज़ी को पलटा जाता है।
इतनी सी बात
यदि किसी की समझ में न आए,
तो क्या किया जा सकता है ?
ऐसे आदमी की बुद्धि पर तरस आता है।
जब आदमी को हार के बाद हार मिलती रहे,
तो उसे लगातार डराने लगता सन्नाटा है।
इस समय लग सकता है कि
कोई जीवन की राह में रुकावट बन आन खड़ा है,
जिसने यकायक स्तंभित करने वाला
झन्नाटेदार चांटा जड़ा है !!
गाल और अंतर्मन तक लाल हुआ है !!
मन के भीतर बवाल मचा है !!

आदमी को चाहिए कि
अब तो वह नैतिक साहस के साथ
जीवन में जूझने के निमित्त खड़ा हो
ताकि जीवन में पनप रहे
अंतर्विरोधों का सामना
वह कभी तो सतत् परिश्रम करते हुए करे,
कहीं यह न हो कि वह जीवन पर्यंत डरता रहे,
जीवन में कभी कुछ साहसिक और सार्थक न कर सके।
ऐसा मन को शांत रखना सीख कर सम्भव है।
इसकी खातिर शान्त चित्त होना अपरिहार्य है,
ताकि आदमी बेरोक टोक लक्ष्य सिद्धि कर सके,
वह जीवन की विषमताओं से मतवातर लड़ सके,
जीवन धारा के संग संघर्ष रत रहकर आगे बढ़ सके।
20/03/2025.
व्यर्थ का भाषा विवाद
न केवल
संवाद में
बाधक सिद्ध होता है ,
बल्कि
यह एक झूठ बोलने से भी अधिक
ख़तरनाक है ,
जो देश, दुनिया में
आदमी की अस्मिता पर
करता कुठाराघात है।
यही नहीं
यह समाज विशेष की
प्रगति को भी देता है रोक।
यह प्रबुद्ध बुद्धिजीवियों में
उत्पन्न कर देता है
आदमी को
झकझोर देने में सक्षम
अंतर्चेतना को उद्वेलित करती
शोक की लहरें।

इस समय देश में
भाषा विवाद को
भड़काया जा रहा है ,
हिंदी का भय दिखलाकर
अपनी राजनीतिक रोटियों को
सेका जा रहा है।
कितना अच्छा हो , हिंदीभाषी भी
दक्षिण की भाषाएं सीख लें।
वे हिंदी में डब्ब की
दक्षिण भारत की फिल्में
मूल भाषा में देखकर
संस्कृति का आनंद उठाएं,
अपनी समझ बढ़ाएं।

एक  ऐसे समय में
जब कुछ भाषाएं
मरण शैय्या के नजदीक
विलुप्ति की कगार पर हैं,
तो क्यों न उनको अपनाया जाए।
क्यों व्यर्थ के भाषा प्रकरण पर
विवाद बढ़ाया जाए ?
आओ इस बाबत संवाद रचाया जाए।
राष्ट्रीय एकता के स्वरों से
देश को आगे बढ़ाया जाए।
२०/०३/२०२५.
कभी सुना था कि
आदमी की पहली शिक्षक
उसकी माँ है
जो उसे जीने का सलीका सिखाती है।
अभी अभी एक सुविचार
अख़बार के माध्यम से पढ़ा है कि
आपका सबसे अच्छा शिक्षक
वह व्यक्ति है , जो आपको सबसे
बड़ी चुनौती देता है।
सोचता हू
यह  विचार कितना विरोधाभास
मेरे भीतर भर गया।
माँ
अक्सर
बच्चे की बेहतरीन शिक्षिका होती है,
जो जन्म से जीवन में आगे बढ़ने तक
जीवन में निरन्तर
प्रेरणा बनी रहती है।
वह तो कभी चुनौती देती नहीं !
हाँ, किसी द्वारा चुनौती दिए जाने पर
संबल अवश्य बनती है।
माँ और समय,
दोनों को ही
इस विचार को
जीवन में कसौटी पर
खरा उतरते जरूर देखता हूँ।
जीवन यात्रा में
सबसे खरा शिक्षक समय है,
जो न केवल आदमी को चुनौती देता है,
बल्कि उसे उत्तरोत्तर समझदार और प्रखर बनाता है ,
और एक दिन जीवन वैतरणी के पार पहुँचा देता है।
समय सभी को सफलता की राह दिखा देता है।
२०/०३/२०२५.
Next page