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Lucky bansal
Poems
Feb 16
खुद से प्यार, खुद पर ऐतबार
भरोसा किसी पर अब करना नहीं,
हर दर्द को मुस्कान में भरना सही।
सोचों के भंवर में खुद को गिराना नहीं,
बस खुद के साथ ही सफर करना सही।
जो बीत गया, उसे भूल जाना,
दिल से हर बोझ को दूर भगाना।
खुद से प्यार, खुद को अपनाना,
हर घड़ी में खुशी का दीया जलाना।
दर्द की लहरों को पार किया,
अंधेरों से रौशनी का सार लिया।
अब न किसी का सहारा चाहिए,
अपने हौसलों से ही किनारा चाहिए।
सोच को रोक, बस जी लिया,
हर पल को जिया, हर क्षण को पिया।
खुद में बसा अब सारा जहाँ है,
मैं ही सबसे खुश, मैं ही मेरी शान है।
Written by
Lucky bansal
18/F/India
(18/F/India)
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