Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Nov 2021
आई है दीपावली कि तयोहार है  देखो
लाई ढैर सारी खुशहाली देखो
दियो से सज उठे हर चोखट देखो
खुशियों संग हुई उम्मीदो की हैं आहटे देखो
रौशनी ही रौशनी हर और छाई देखो
मन में भरा हर्ष और उललास देखो
पधारे गणपती संग लक्ष्मी मा हैं देखो
आसमा भी हुई रौशन हैं देखो
रिश्तो मे भी घुलि मिथास हैं देखो
आए है दिपवलि कि तयोहार् है देखो।
Akta Agarwal
Written by
Akta Agarwal  21/F/Kolkata
(21/F/Kolkata)   
Please log in to view and add comments on poems