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Anu Mehta May 2021
दिलों में बस जाए तो मोहब्बत है वो,
कभी पत्नी-धर्म तो कभी बहू का कर्तव्य निभाती है वो,
कभी बहिन तो कभी ममता की मूरत है वो,
उनके आँचल में हैं से चाँद सितारे,
कभी सहेली बन कर हर दर्द -ग़म को छुपा लेते सीने में,
सब्र की मिसाल, हर रिश्ते की ताकत है वो,
कौन कहता है कि वो कमज़ोर है।

आज भी उनके हाथ में अपने घर को चलाने की डोर होती है।
वो तो दफ्तर भी जाते हैं, और अपने घर परिवार को भी संभालते हैं।
हौंसले और हिम्मत की पहचान है वो,
अपने हौसले से तक़दीर को बदलने की ताकत रखती है वो,
वो और कोई नहीं मेरी प्यारी Neha Mam है वो
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Read Also https://anumehtadairy.blogspot.com/2021/05/blog-post.html
Anu Mehta May 2021
मेरी नन्ही सी गुड़िया,  मेरी जान, मेरी बच्ची,
मुझे अच्छा नहीं लगता तुम्हें यूँ ही छोड़ कर ऑफिस आना,
मेरी इच्छा है कि हर पल तेरे पास और तुम्हें गोद में लिए रहूँ।
तेरी तोतली-2 बातें सुनू, तेरी छोटी -2 शरारते देखु  और जो मुझे खुश रखने में तेरी छोटी -2 शरारते बहुत काम आती है।
मेरी नन्ही सी गुड़िया,  मेरी जान, मेरी बच्ची,
तेरी मोहब्बत के साथ-2,
तेरे गुस्से मे भी मेरी अलग सी ख़ुशी छिपी हुई है।
जब मैं जान-बूझ कर तुम पर गुस्सा करु या
फिर रोने का नाटक करु,
मेरी बच्ची तुम मुझे देख कर भी रोना शुरू कर देती हो, तुम्हारी आँखों का नीर ऐसे बहता है
मानो गंगा और जमुना में बाढ़ आ गई हो।
वो पल भी उतना ही प्यारा है, तुम  तब तक रोते-रोते मम्मा- मम्मा मम्मा बोलते रहना जब तक तुम्हें मैं अपने सीने से नहीं लगा दूं।
मेरी नन्ही सी गुड़िया,  मेरी जान, मेरी बच्ची,
मैं तुम्हारी  छोटी-छोटी चीजों को बहुत संभाल कर रखती हूँ।  तुम्हारी वो हर निशानी,
तुम्हारे वो हर पल जिस में तुम्हारा बढ़ता हुआ बचपन को अपने फोन के कैमरे में कैद कर लेती हूँ।
ये सोच कर जब तुम बड़ी होगी तो तुम्हे बताओगी मेरी बच्ची, मेरी नन्ही सी गुड़िया,
जितना तुम मेरे लिए प्यारी हो उतनी ही तुम्हारी शरारती बहुत प्यारी है।
मुझे तुम और तुम्हारा साथ बहुत अच्छा लगता था
बस वो पल जिसमे तुम्हे छोड़ कर ऑफिस आना और पूरे दिन का तुम्हारा दरवाजे पे इंतज़ार करना,
तेरी मम्मा को अच्छा नहीं लगता था…..
मेरी नन्ही सी गुड़िया,  मेरी जान, मेरी बच्ची, मुझे अच्छा नहीं लगता तुम्हें यूँ ही छोड़ कर ऑफिस आना…I love You my Doll My lifeline
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— The End —