पहले ज़रुरत थी आदमी को, केवल रोटी- कपड़ा - मकान
आज लग रहा है यह नारा, कि ' मेरा मोबाईल महान '
क्रांति लाई है इसने, आया युग जानकारी का
घर बैठे काम हो गए, नहीं इंतजार अब बारी का
ई - कॉमर्स से घर पहुंचते हैं छोटे - बड़े सामान
आज लग रहा है यह नारा, कि ' मेरा मोबाईल महान '
बना यह घर का सदस्य, बसा यह सबके दिल में
आने लगा यह मैयत में, आने लगा यह महफ़िल में
आज इसने है संभाली सुख - दुःख की कमान
आज लग रहा है यह नारा, कि ' मेरा मोबाईल महान '
चाहे पास हो या दूर, पल में संपर्क बनता है
जग बना एक छोटा गांव, जिसके बने हम जनता हैं
हुआ यह इतनी तेज़ी से, कि सब हो गए हैरान
आज लग रहा है यह नारा, कि ' मेरा मोबाईल महान '
एक रात में हुए कई का इतना बड़ा नाम
एक रात में फैला दुनिया में, उनका छोटा - बड़ा नाम
बनी यह तेरी - मेरी, कभी चढ़ाव, कभी ढलान
आज लग रहा है यह नारा, कि ' मेरा मोबाईल महान '