वर्षा के बाद इंद्रधनुष की प्यास उसके रंगों की तलाश उनको छूने की आस यह है अजीब मोह पाश
खूब हैं दोस्त फिर भी महिला मित्रों की तलाश उसमें भी कशिश की आस चेहरे में हो चंद्र कला का आभास वास भी हो बहुत सुवास फिर सहवास की तलाश यह है पतन का पाश
पीने को नीर और पवित्र क्षीर फिर भी मय की तलाश उसमें रंग और फ्लेवर की नई-नई आस पीने के बाद डिस्को पर झूमने की प्यास यह है कभी ना मिटने वाली लालसा के पाश