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Oct 2018
हे देवा,
आज सारी जनता है पीड़ित,
कहते है, दुख है निमित;
और हमारा विश्वास है सीमित,
फिर भी प्रभु, आश है जीवित।

दिलसे गाये तेरे गुणगान,
दीजिए सुखका वरदान।
खूब बढ़े तेरा मान पान,
मिले तुझे बहुत सन्मान।

दूनियामे हो अच्छाई की जीत।
जगमे बढ़े श्रृद्धा और प्रीत।
हर किसी को मिले, उसके मन का मीत।
गाए दुनियां तेरे भजन और गीत।

Armin Dutia Motashaw
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