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Mar 2016
हे कृष्ण कन्हैया, हे श्याम सुरेशम,
तुम बंसी बजइया, तुम सबके प्रियतम,

तुम निर्गुण, अनंत, अपराजित हो,
तुम चर और अचर विराजित हो,

तुम कमलनयन, कमलापति भी,
तुम रविलोचन, स्वर्गापति भी,

तुम नटखट, तुम नवनीतचोर,
तुम बड़े भोले, ऐ नन्द किशोर

हे पद्मनाभ, हे केशवम्,
हे कृष्ण कन्हैया, हे श्याम सुरेशम,
तुम बंसी बजइया, तुम सबके प्रियतम,

तुम सांतह, साक्षी, निरंजन हो,
सब कष्ट और क्लेश विभंजन हो,
तुम अव्युक्त, और अनिरुद्ध भी,
तुम गंगामृत, और विशुद्ध भी,

तुम पार्थसारथि, तुम सुमेधा,
तुम सर्वेश्वर, तुम अविजेता,

हे मोहनिष, माधव, त्रिविक्रम,
हे कृष्ण कन्हैया, हे श्याम सुरेशम,
तुम बंसी बजइया, तुम सबके प्रियतम।

तुम द्रविण, देवेश, दयालु हो,
दीन भक्तन पर कृपालु हो,
तुम सबके सारे पाप हरो,
तुम सबपर अपनी कृपा करो,

तुम पुरुषोत्तम, और उपेन्द्र हो,
तुम निर्मल पुण्य यादवेन्द्र हो,

तेरो अद्भुत नाम  पाप-नाशम,
हे कृष्ण कन्हैया, हे श्याम सुरेशम,
तुम बंसी बजइया, तुम सबके प्रियतम।
Arvind Bhardwaj
Written by
Arvind Bhardwaj  Chandigarh
(Chandigarh)   
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