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Mar 2016
अबस-ए-ज़िंदगी मेरी, तेरी मोहताज हो गई,
जो हालत आज तक न थी, वो हालत आज हो गई।

चादर की सिलवटों में भी तेरा एहसास होता है,
बदलूं करवटें तो तेरा चेहरा पास होता है,

तेरी मौजूदगी भी पूरे शब भर राज हो गई,
अबस-ए-ज़िंदगी मेरी, तेरी मोहताज हो गई,
जो हालत आज तक न थी वो हालत आज हो गई।
Arvind Bhardwaj
Written by
Arvind Bhardwaj  Chandigarh
(Chandigarh)   
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